बिहारी: सतसई के महान रचनाकार
नाम: बिहारी (बिहारीलाल चौबे)
जन्म की तारीख: 1595 (अनुमानित)
जन्म स्थान: ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत
माता-पिता का नाम: माता-पिता के नाम के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है।
कृतियाँ:
- सतसई: बिहारी की सबसे प्रसिद्ध रचना, जिसमें 700 दोहे शामिल हैं। ये दोहे मुख्यतः प्रेम, भक्ति, नीति, और शृंगार पर आधारित हैं।
पुरस्कार: बिहारी के समय में साहित्यिक पुरस्कारों का प्रचलन नहीं था, लेकिन उनकी कृतियाँ हिंदी साहित्य में अत्यंत महत्वपूर्ण और उच्च स्थान रखती हैं।
मृत्यु की तारीख: 1663 (अनुमानित)
उनके बारे में कुछ जानकारी:
- बिहारी, जिन्हें बिहारीलाल के नाम से भी जाना जाता है, हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि थे, जिनका जन्म ग्वालियर में हुआ था और वे बाद में राजस्थान के आमेर (अब जयपुर) दरबार में कवि बने।
- उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति "सतसई" है, जो 700 दोहों का संग्रह है। इन दोहों में प्रेम, शृंगार, नीति, भक्ति, और जीवन के विभिन्न पहलुओं का अद्वितीय वर्णन मिलता है।
- बिहारी के दोहे अपने संक्षिप्तता, सरलता, और गहराई के लिए प्रसिद्ध हैं। वे अल्प शब्दों में गहन भावनाओं और विचारों को प्रकट करने में सिद्धहस्त थे।
- उनकी रचनाएँ मुख्यतः ब्रजभाषा में हैं और उनमें भारतीय संस्कृति, समाज, और मानव मनोविज्ञान की गहरी समझ दिखाई देती है।
- बिहारी का "सतसई" हिंदी साहित्य में एक मील का पत्थर माना जाता है और यह कई साहित्यिक विद्वानों और पाठकों द्वारा अध्ययन और प्रशंसा का विषय रहा है।
- उनके दोहों में छिपी हुई गहनता और सार्थकता ने उन्हें हिंदी काव्य जगत में एक विशिष्ट स्थान दिलाया है। उनकी रचनाएँ आज भी साहित्य प्रेमियों और विद्वानों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं।